अलविदा पूर्वोत्तर भारत! शुक्रिया इन खूबसूरत यादों के लिए ।

यह पूर्वोत्तर भारत से मेरी विदाई की एक फेयरवेल पोस्ट है, जिसे कायदे से पाँच माह पूर्व आना चाहिए था, लेकिन देर से ही सही इसको आना ही था। करीब पाँच महीने पहले गुवाहाटी छोड़ते समय दिल में एक कसमकश सी थी। सात वर्षों तक कर्मभूमि रही गुवाहाटी से बहुत सारी यादें जुड़ चुकी थीं, जिसमें सबसे खास है मेरी…

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सोहरा में मावसावा झरना

सोहरा यानि चेरापूँजी की अनदेखी ख़ूबसूरती

पूर्वोत्तर भारत में मेघालय राज्य की राजधानी शिलाँग से क़रीब 45 किमी दूर स्थित चेरापूँजी क़स्बा किसी परिचय का मोहताज नही है । भारत के शिक्षा तंत्र में इस क़स्बे ने बड़ी जल्दी ही अपनी एक जगह बना ली और बचपन से हर किसी के दिमाग़ में दुनिया में सबसे ज़्यादा बारिश वाले स्थान के रूप में घूमने लगा, कभी…

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नोहकालिकाई झरना, चेरापूँजी

पूर्वोत्तर भारत में मेरी यात्राएँ

गुवाहाटी, सिलीगुड़ी कारीडोर के परे स्थित भारत का सबसे बड़ा शहर और पूर्वोत्तर भारत का प्रवेश द्वार । इस शहर से मेरा सामना अनायास ही हुआ था। 2014 की सर्दियों में आफ़िस के एक टूर के कारण मुझे गुवाहाटी आने का मौक़ा मिला । हवाई अड्डे से निकलने के बाद जब हमारी गाड़ी डीपोर बील (दीपोर बील, Deepor Beel )…

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मेघालय की गारो पहाड़ियों में स्थित सीजू गुफ़ा

सीजू गुफ़ा के अंधेरों का रोमाँच

भय और रोमाँच के सफ़र का एक और दिन। बाघमारा से निकलने के बाद मेरा अगला पड़ाव था सीजू गुफ़ा और फिर वहाँ से चलकर शाम तक गारो क्षेत्र का एक प्रमुख शहर विलियमनगर । भय इसलिए लग रहा था कि अवैध कोयला खदानों के उस क्षेत्र में अभी कुछ साल पहले तक स्थानीय उग्रवादी समूहों द्वारा अपहरण और फिरौती…

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बाघमारा में सिमसंग नदी

तुरा से बाघमारा की यात्रा

गुवाहाटी में लगभग तीन साल बीत जाने के बाद भी मैंने मेघालय के पश्चिमी भाग में स्थित गारो पहाड़ियों का सफ़र नही किया था। जिसका एक प्रमुख कारण था- गारो पहाड़ियों में जनजातीय संघर्ष की वजह से दोस्तों द्वारा अकेले ना जाने की सलाह । लेकिन एक दिन फिर रहा नही गया, तो मैंने अपनी मोटरसाइकिल उठायी और निकल पड़ा…

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तुरा का प्रवेश द्वार

गारो पहाड़ियों के केंद्र तुरा का सफ़र

मेघालय की गारो पहाड़ियों का प्रमुख शहर तुरा वैसे तो गुवाहाटी से मात्र दो सौ किमी दूर है, लेकिन इस सफ़र को तय करने के लिए मुझे लगभग तीन साल तक इंतज़ार करना पड़ा। ऐसा नही था कि गारो पहाड़ियों में घूमने का मन नही कर रहा था। मैंने तो जब से सीजू गुफ़ा के बारे में पढ़ा था, तभी…

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नोहकालिकाई झरना, चेरापूँजी

चेरापूँजी : बादल, बारिश और झरनों का शहर

बरसों से मेरे लिए चेरापूँजी एक कौतूहल का विषय रहा है । दुनिया में सबसे ज़्यादा होने वाली बारिश और नदियों पर पेड़ की जड़ों से बने पुल यह सब मुझे बड़ा अनोखा लगता था । फिर एक दिन वो आया जब मेरे क़दम पड़े बादल, बारिश और झरनों के शहर सोहरा में । दुनिया का सबसे बारिश वाला क्षेत्र,…

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शिलाँग का विहंगम दृश्य

शिलाँग: पूरब का स्कॉटलैंड

शिलाँग से मेरा परिचय स्कॉटलैंड के पूरक के रूप में नही हुआ था । मेरे लिए तो शिलाँग की पहचान मेघालय की राजधानी, एक हिल स्टेशन और एक फ़ैशनेबल शहर के रूप में ही थी । सुन रखा था कि शिलाँग बहुत ही सुंदर हिल स्टेशन है, इसलिए पूर्वोत्तर भारत के बारे में सोचने से शिलाँग घूमने का बड़ा मन…

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सेवेन सिस्टर्स फाल्स, चेरापूँजी

मेघालय: बादलों का घर

दो साल पहले गुवाहाटी में रहना शुरू करने की वजह से बादलों का घर, मेघालय, मेरा पड़ोसी हो गया, वो भी ऐसा पड़ोसी जहाँ मैं जब चाहूँ, जैसे चाहूँ बिना किसी योजना के टपक पडूँ । मेघालय में घुमक्कड़ी की दृष्टि से देखा जाए तो दो बातें ज्यादा प्रसिद्ध हैं, एक तो इसके झरने और दूसरा शीशे की तरह साफ…

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BasCon में एक स्थानीय लोक नृत्य

बास्कान 3 (BasCon 3) का जश्न और बसर में धूम: भाग 2

अरुणाचल प्रदेश के बसर में आयोजित Basar Confluence (BasCon) के तीसरे संस्करण का पहला दिन गहमागहमी वाला रहा और हमें BasCon के मुख्य आयोजन स्थल पर कई सारे सांस्कृतिक कार्यक्रम देखने को मिले । बसर में मेरे पहले दिन के अनुभवों के लिए कृपया बास्कान 3 (BasCon 3 ) का जश्न और बसर में धूम : भाग 1 को पढ़ें…

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