हेमिस नेशनल पार्क में ट्रेकिंग का चौथा दिन: अतिथि देवो भवः का अनुभव
रात में हड्डियाँ कँपकँपा देने वाली ठंडी हवाएं, आधी रात को स्लीपिंग बैग के अंदर किटकिटाते दाँत और फिर सूरज की रोशनी से नहाई एक ख़ुशनुमा सुबह..हेमिस पार्क में यह रोज का चक्र बन चुका था। अब जनवरी के महीने में जाने पर लेह में ऐसी कड़कड़ाती ठण्ड तो मिलनी ही थी। हेमिस पार्क में हमारा वह चौथा दिन था।…