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साइबेरिया में बर्फबारी के बीच खड़ी ट्रेन

ट्रांस-साइबेरियन रेल यात्रा और एक सपने का पूरा होना

ट्रांस-साइबेरियन रेल यात्रा को तो छोड़िए, मैंने कभी सोचा ही नहीं था कि मैं इतनी जल्दी रूस घूमने पहुँच जाऊंगा। रूस तो कभी मेरी प्राथमिकता में था ही नहीं। दक्षिण-पूर्व एशिया और मध्य-पूर्व एशिया का जादू मुझे हमेशा कहीं और जाने से रोक देता है। मेरी प्राथमिकता में तो इंडोनेशिया, वियतनाम, चीन, जॉर्डन और इजराइल जैसे देश हैं, शायद यही…

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रूमचुंग गाँव से सूर्यास्त का दृश्य

हेमिस नेशनल पार्क में ट्रेकिंग का चौथा दिन: अतिथि देवो भवः का अनुभव

रात में हड्डियाँ कँपकँपा देने वाली ठंडी हवाएं, आधी रात को स्लीपिंग बैग के अंदर किटकिटाते दाँत और फिर सूरज की रोशनी से नहाई एक ख़ुशनुमा सुबह..हेमिस पार्क में यह रोज का चक्र बन चुका था। अब जनवरी के महीने में जाने पर लेह में ऐसी कड़कड़ाती ठण्ड तो मिलनी ही थी। हेमिस पार्क में हमारा वह चौथा दिन था।…

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हेमिस नेशनल पार्क में कैंपिंग

हेमिस नेशनल पार्क में ट्रेकिंग का तीसरा दिन: बर्फीले तेंदुए की तलाश

हर दिन की तरह तीसरे दिन सुबह भी वही कहानी शुरू हों गयी। तीनों लोग उठ तो चुके थे, लेकिन ठण्ड के कारण स्लीपिंग बैग से बाहर नहीं निकल रहे थे। पहले आप-पहले आप के चक्कर में एक बार फिर सुबह निकलने में देर हो गई।  वैसे तीसरे दिन का हमारा लक्ष्य तो युरुत्सु (Yurutsu) गाँव की तरफ बढ़ना था,…

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जिंगचेन गाँव में कैंपिंग

हेमिस नेशनल पार्क में ट्रेकिंग का दूसरा दिन: जिंगचेन में कैंपिंग

लदाख के हेमिस राष्ट्रीय पार्क में अपने ऑफिस के दो साथियों के साथ बिताये हुए चार दिन मेरी जिन्दगी के कुछ रोमाँचक लम्हों में से एक हैं। मारखा घाटी का वो ट्रेक हम पूरा तो नहीं कर पाये , लेकिन उन चार दिनों में बहुत कुछ सीखने को मिला। पहले दिन हमें ट्रेक शुरू करने में थोड़ा देरी हो गई…

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स्पितुक गाँव से गुजरती सिंधु नदी

हेमिस नेशनल पार्क में ट्रेकिंग का पहला दिन: स्पितुक से जिंगचेन की ओर

चादर ट्रेक के साथ हमारा दुर्भाग्य: जनवरी की कंपकपाती सर्दियों में लेह की यात्रा सभी लोग नहीं करते हैं। लद्दाख का यह बर्फीला रेगिस्तान गर्मियों के मौसम में तो पर्यटकों के सैलाब से गुलजार हो उठता है,  लेकिन सर्दियों में बहुत कम ही लोग इधर का रुख करते हैं। वो तो कड़कड़ाती सर्दियों के मौसम में जमी हुई जांस्कर नदी…

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सिंधु-ज़ांस्कर संगम

लेह यात्रा : चुंबकीय पहाड़ी का रहस्य और सिंधु-ज़ांस्कर संगम पर एक दुर्घटना

चादर ट्रेक (Chadar Trek) के रोमांच के अलावा एक घुमक्कड़ के लिए कड़कड़ाती ठण्ड में लेह जाने की और कोई वजह नहीं हो सकती। जनवरी के महीने में हमारी लेह यात्रा का भी यही उद्देश्य था। चादर ट्रेक के नाम पर हमने अपनी फ्लाइट तो बुक कर ली , लेकिन प्रस्थान से 10 दिन पहले ही ज़ांस्कर घाटी में एक…

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सेलुलर जेल, पोर्ट ब्लेयर

काला पानी के देश में : सेलुलर जेल , पोर्ट ब्लेयर

“काला पानी”..यह शब्द कुछ-कुछ काला जादू की काली दुनिया जैसा महसूस होता है। वास्तव में तो ऐसा नही है, लेकिन इस शब्द के साथ भी ब्रिटिश भारत में अंग्रेजों की क्रूरता कुछ काले अध्याय ही जुड़े हुए हैं। इतिहास के पन्नों में “काला पानी” की सैकड़ों कहानियाँ हैं, हजारों कल्पनाएँ भी हैं और इनमे अधिकाँश का वास्ता वीर सावरकर की…

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भानगढ़ का किला

भूतों वाले भानगढ़ की मानसून में ख़ूबसूरती

जोशीले राजस्थान के राजपूतों की वीरता की गाथाओं, आलीशान महलों और दुश्मन की कड़ी परीक्षा लेने वाले किलों के बीच में भानगढ़ या ज्यादा प्रचलित नाम भूत भानगढ़ (Bhangarh Fort) की कहानियों की एक अलग ही दुनिया है। अन्य जगहों की तरह यहाँ भी एक किला है, एक राजा और एक रानी हैं, रानी का अप्रतिम सौंदर्य भी है, लेकिन…

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पोखरण दुर्ग

पोखरण राजस्थान : जहाँ भगवान बुद्ध मुस्कुराए थे

हम सब जानते हैं कि प्राचीन समय में भगवान बुद्ध लुम्बिनी में पैदा हुए , बोधगया में ज्ञान प्राप्त किये, सारनाथ में प्रथम उपदेश दिया और कुशीनगर में महापरिनिर्वाण को प्राप्त हुए। लेकिन आधुनिक काल में भारत में एक जगह ऐसी भी है, जहाँ भगवान बुद्ध मुस्कुराये थे। कहानी साल 1974 की है। दुनिया भर की तमाम जासूसी संस्थाएं भारत…

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